हेल वाश रिपोर्ट के अनुसार/ कल शाम, सोमवार, 28 जून, 1403 को दो बलूच टैंकरों ने जास्क शहर के जेगिन इलाके में एक चलती गाड़ी पर गोली चला दी, जिसके परिणामस्वरूप गाड़ी पलट गई और उसमें आग लग गई और उसमें सवार दो लोगों की मौत हो गई। आग की लपटों के बीच सैन्य बल विरोध प्रदर्शन और पथराव करते हुए अपनी गाड़ियाँ छोड़कर भाग गये।
जस्क के बलूच नागरिक बताए जा रहे इन दोनों नागरिकों की पहचान के बारे में खबर लिखे जाने तक कोई जानकारी नहीं है.
इस रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य बलों ने बिना किसी पूर्व चेतावनी के चलती साइपा ईंधन ट्रक पर गोलीबारी शुरू कर दी और उसके पलटने से आग लग गई, जिसके परिणामस्वरूप वाहन में सवार दो लोगों की आग की लपटों में जलकर जान चली गई और क्षेत्र के निवासियों की भी मौत हो गई। , सैन्य बलों की इस अवैध कार्रवाई का सैन्य बलों पर पथराव कर विरोध किया गया और सैन्य बल मौके पर अपनी गाड़ी छोड़कर पैदल ही थाने की ओर भाग गये.
बताया जाता है कि नागरिकों ने पत्थरों और लाठियों से सैन्य बलों की कार को क्षतिग्रस्त कर दिया और अंततः स्थानीय ग्राम पार्षद और ग्राम परिषद ने कार को पुलिस स्टेशन ले जाकर सैन्य बलों को सौंप दिया.
गौरतलब है कि बलूचिस्तान की सीमाओं के दोनों ओर नौकरी के अवसरों की कमी ने ईंधन जलाने को बलूच नागरिकों के लिए अल्प आय और आजीविका का एकमात्र तरीका बनने के लिए मजबूर कर दिया है, जो आवश्यकता और बेरोजगारी के कारण इस झूठी और खतरनाक नौकरी की ओर रुख करते हैं। , जो कभी-कभी सैन्य अंगों द्वारा किया जाता है, उन्हें सीधे गोलीबारी का निशाना बनाया जाता है या सड़क दुर्घटनाओं में जिंदा जला दिया जाता है और उनकी जान चली जाती है।