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मौत की सजा पर अमल करने के लिए एक बलूच कैदी को ज़ाहेदान सेंट्रल जेल के संगरोध में स्थानांतरित करना

हेल ​​वाश रिपोर्ट/कल, बुधवार, 18 अगस्त, 1402 के अनुसार, एक बलूच कैदी को उसकी पत्नी की हत्या की सजा की तामील के लिए ज़ाहेदान सेंट्रल जेल की एकांत कोठरी में स्थानांतरित कर दिया गया था।

इस बलूच कैदी की पहचान 28 वर्षीय "फ़ैज़ुल्लाह जमालज़ाही" बताई गई है, जो ज़ाहेदान निवासी अजीज़ का बेटा है।

ऐसा कहा गया है कि "फैजुल्लाह को अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में 1399 में ज़ाहेदान में गिरफ्तार किया गया था और 1401 में उसे इस शहर की आपराधिक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी और कल उसे ज़ाहेदान सेंट्रल जेल के वार्ड तीन से संगरोध में स्थानांतरित कर दिया गया था।" यह जेल मौत की सजा देने के लिए है।"

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते 8, 9 और 10 अगस्त को ज़ाहेदान, ज़ाबुल और बिरजंद जेलों में नशीली दवाओं से संबंधित आरोपों में कम से कम 12 बलूच कैदियों को उनके परिवारों को सूचित किए बिना फांसी दे दी गई थी।

गौरतलब है कि 9 मई, 1402 से आज, 19 अगस्त तक, चार महिलाओं सहित कम से कम 75 बलूच कैदियों को फाँसी दी गई है, और 29 अगस्त, 1401 से आज, 19 अगस्त, 1402 तक, कम से कम 176 बलूच नागरिकों को फाँसी दी गई है। देश की विभिन्न जेलों में फाँसी दी गई, जो कि प्रमाणित लोगों की संख्या है।


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