हेल वाश रिपोर्ट के अनुसार/ आज, 3 दिसंबर, 1401, एक घंटे पहले, तिर ब्राहुई कबीले (बाजी ज़ही) के बुजुर्गों में से एक, अमानुल्लाह बाजी ज़ही ब्राहुई (मिंगल) को ज़ाहेदान में अज्ञात हथियारबंद लोगों ने मार डाला था।
बता दें कि इससे पहले विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में अमानुल्लाह के बेटे हमीद बाजी ज़ही को रविवार 10 अक्टूबर को ज़ाहेदान में आईआरजीसी बलों ने गिरफ्तार कर लिया था और यातना के तहत उसकी हत्या कर दी गई थी और फिर 25 अक्टूबर को उसका शव उसके परिवार को सौंप दिया गया था। अक्टूबर।
गौरतलब है कि अमानुल्लाह के बेटे हमीद को आईआरजीसी ने प्रताड़ित किया था और कई गोलियां मारकर हत्या कर दी थी.
ऐसी भी अटकलें हैं कि ज़ाहेदान के लोगों के नरसंहार के बाद बलूच कबीलों के व्यापक एकीकरण के बाद, बलूचिस्तान में कलह और कबीला संघर्ष पैदा करने के उद्देश्य से आईआरजीसी और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस हत्या को अंजाम दिया गया था।